Friday, November 19, 2010

जनहित में कैसे होगा राखी का इंसाफ


इन दिनों राखी सावंत फिर खूब चर्चा में हैं। मीडिया और खबरों में कैसे रहा जा सकता है, यह बात राखी जी अच्छी तरह से जानती हैं। अखबारों की सुर्खियां हों या फिर टी वी शो। इन सब में बहुत माहिर हैं राखी सावंत। आइटम गर्ल के नाम से विख्यात राखी हमेशा अनेक विवादों के बाद भी चर्चा में बनी रहती हैं। वह लोगों के बीच में बने रहनें का तरीका ढूंढ ही निकालती हैं। बात चाहे कैसे भी विवाद की हो, राखी को मीडिया में कवरेज भी खूब मिल जाती है।
राखी सावंत के काम करने के तरीके भी अजीब व निराले होते हैं। सीधे व सादे तरीके से वह कोई भी काम नहीं करती हैं। अभी कुछ समय पहले राखी सावंत नें अपने जीवन साथी की खोज के लिए एक टी वी चैनल पर ‘राखी का स्वयंवर‘ कार्यक्रम प्रस्तुत किया था। जिसकी चारो तरफ खूब चर्चा रही। अब मैडम राखी नें एक नई पेशकश करी, जिसका नाम है ‘राखी का इंसाफ‘। एक चैनल पर प्रसारित इस कार्यक्रम में राखी सावंत जज की भूमिका में हैं, जो लोगों के आपसी झगड़े निपटाती हैं।
कितना अजीब संयोग होता है कि तमाम लफड़ों व झगड़ों में रहने वाली राखी सावंत अब खुद दूसरों के विवादों को सुलझानें व समझौते का काम राखी का इंसाफ कार्यक्रम के माध्यम से करती दिख रही हैं। बिंदास जीवन जीने वाली राखी नें कार्यक्रम में इंसाफ मांगने वालों के जीवन के गंभीर व नाजुक पहलुओं को समझनें का जोखिम भरा जिम्मा तो ले लिया है। अब देखना यह है कि वह इस काम में किस तरह खरी उतरती हैं। आइटम गर्ल के नाम से मशहूर अभिनेत्री राखी सावंत जितना किसी कार्यक्रम में नहीं दिखाई देतीं हैं उतना विवादों में धिरी रहती हैं। एक समय पहले राखी सावंत जी नें अपनी शादी रचानें के लिए ‘राखी का स्वयंवर कार्यक्रम चलाया था। उस समय ऐसा लग रहा था कि अब राखी अपने जीवन साथी को चुन ही लेंगीं। जिसके लिए उन्होंने शो में आये प्रतिभागियों के साथ खूब बातें करीं, धूमी-फिरी, नाच-गाना किया और उनके धर तक गईं। और अंततः भारतीय मूल के कनाडा में बसे बिजनेस मैन इलियास को सेलेक्ट किया। उनके साथ इंगेज्मेंट भी हो गई। फिर बाद में शादी का क्या हुआ। इलियास के साथ शादी की तारीख कौन सी निकली, कब करंेगी शादी। इन सबका कुछ पता नहीं। अपनी शादी को सच बताने वाली राखी सावंत का यह हाई प्रोफाइल प्रोग्राम केवल पापुलारिटी शो था, या वाकई स्वयंवर। यह तो आखिर राखी ही जानती हैं। राखी जी की शादी हो न हो, पर शो हिट हो गया। अब बारी आई नये शो की, और उन्होंने शुरु किया ‘राखी का इंसाफ‘। उन्होंने अपनी अलग अदालत बना दी। उनकी अदालत में गवाह भी होते हैं, और सबूत भी दिये जाते हैं। अदालत में पहरेदार की तरह उनके यहां निजी सुरक्षाकर्मी के रुप में ‘बाउंसर‘ भी मौजूद रहते हैं। इस कार्यक्रम में ज्यादातर लोग फिल्मी या फिर छोटे पर्दे से जुड़े कलाकार होते हैं। जो मुंबई यानि कि फिल्मी नगरी में स्ट्रगलर कहे जाते हैं। ऐसे में इनको कोई नहीं जानता है। किसी भी तरह से ये लोग जल्द से जल्द अपनी पहचान व कॅरियर बनाना चाहते हैं। कोई छोटी बात या विवाद के सहारे भी नाम कमाया जा सकता है। आपसी झगड़े या विवाद करना उतना महात्व नहीं रखता है, जितना फायदेमंद होता है उन बातों के माध्यम से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचना तथा किसी भी सूरत में चर्चा बटोरना। अपनी पहचान बनाने के लिए यही संधर्षरत कलाकार इन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने जा पहुंचते हैं। लेकिन, दुर्भाग्यवश इनकी चपेट में झांसी जिले का नवयुवक लक्ष्मण आ गया। जिसके लिए जज बनीं राखी सावंत नें अमानवीय, अभद्र व अशिष्ट भाषा का प्रयोग किया। जिससे उसको ऐसा बड़ा आधात पहुंचा कि उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
राखी का कोर्ट-रुम ऐसा है जहां न तो कोई मर्यादा है और न ही कोई लोक-लिहाज का डर। सभी बिंदास हैं। कोई किसी पर जूते या चप्पल फेंकता है, तो कोई किसी को मारने दौड़ता है। मार-पीट के साथ गाली-गलौज तो आम बात है। इंसाफ की देवी बनीं राखी सावंत का अंदाज खुद में बेतुका व अभद्र दिखता है। राखी के इस कार्यक्रम को शुरुआती दौर में लोकप्रियता तो नहीं परंतु चर्चा खूब मिली। इंसाफ के नाम पर अभद्र, अश्लील व फूहड़ टिप्पणियों के चलते इनके कार्यक्रम में संकट के बादल मंडराने शुरु हो गये हैं। देश के कई जिलों से इस कार्यक्रम व आयोजकों के खिलाफ याचिकाएं व मुकदमे लिखने भी शुरु हो चुके हैं। देखने वाली बात यह भी है कि महज अपने चैनल की टी आर पी बढ़ाने के चक्कर में टी वी चैनल भी क्या कार्यक्रम का कन्टेंट नहीं देखते हैं। गंभीर मसला यह भी है कि रियलिटी शो के नाम पर फूहड़ता व अश्लीलता से जुड़े कार्यक्रम आम दर्शकों के बीच परोशना जनहित में कितना हितकर हैं व कैसा मनोरंजन देना चाहते है यह भी अहम सवाल है?