Sunday, April 4, 2010

अच्छी यादों से बनाएं जिंदगी को हैप्पी



जिंदगी के हर पारिवारिक रिश्तों के लिए खुशनुमा यादों का होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि हर एक की जिंदगी हर समय खुशहाल व आनंदित रह सके। इसी के साथ हमें अपने आज की बातों व अपने हर एक काम पर भी निगाह करनी बहुत जरूरी है कि जिससे आने वाले कल में कोई भी कटु याद हमारे जीवन का हिस्सा न बन सके।

समय धीरे-धीरे कब गुजर जाता है पता ही नहीं चलता। आज का समय व बातें कब यादों का रूप ले लेती हैं, बिल्कुल मालूम ही नहीं हो पाता है। इन सबका अंदाजा तब होता है जब हम उससे बहुत आगे निकल आ चुके होते हैं। उस समय का वर्तमान आज इतिहास बन जाता है। जिंदगी के चलते अक्सर यही इतिहास यादों के रूप में हमारे सामने आ खड़ा होता है। जिनमें से अच्छी यादें हमारी जिंदगी को ऊर्जा देती हैं, वहीं बुरी यादें हमारे जीवन को निराशा में भी बदल सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि हम अभी से ही आने वाली जिंदगी के लिए अच्छी यादों का सामान जुटाना चालू कर दें।
पढ़ाई, नौकरी व रोजगार यह सब कुछ जिंदगी भर चलता है, इन्हीं सबके साथ हमारी यादें भी जुड़ी रहती हैं। पारिवारिक रिश्ते हों या फिर दोस्त-व्यवहारी, हर एक के साथ बिताया हुआ हर लम्हा एक समय केवल याद बन कर रह जाता है। बीते दिनों के ही कुछ क्षण अक्सर हमें याद आते हैं। इनमे से ही कुछ बातें सुनहरी यादें बन जाती हैं, जो हमें हंसाती हैं तथा जिससे जीवन में नई जान आ जाती है। ये यादें जीवन के तनाव को भी दूर कर देती हैं। वहीं दूसरी ओर दिल को खटकने वाली यादें भी होती हैं, जो जीवन की कुछ बातों की कटु यादों से दिल व मन दोनो दुखी हो जाते हैं। परिणाम स्वरूप जिंदगी कभी-कभी बेजान व निराश भी दिखने लगती है। जिंदगी की इस पूरी दौड़ में कभी भी सब कुछ एक सा नहीं रहता है। उस वक्त तो हम इस पर गौर नहीं करते हैं, परन्तु अनजाने में ही सब कुछ अपने आप रिकॉर्ड होता चला जाता है। समय बीत जाने पर यही सब बातें ही एक दिन यादें बनकर सामने आती- जाती हैं। अब बात हमारे ऊपर है कि हम अपने जीवन को किस तरह की यादें दे रहे हैं तथा आने वाली जिंदगी से किस तरह की यादें चाहते हैं? हम आज जो कुछ भी करते हैं वह सब आगे चलकर आने वाली यादों का ही हिस्सा है। अगर हम सुनहरी यादों की कल्पना करते हैं तो निश्चित रूप से ऐसी यादों का इंतजाम हमें अभी से ही करना पड़ेगा। बढ़ती हुई जिंदगी का बीती हुई जिंदगी से गहरा संबंध बना होता है। अक्सर जीवन के किसी मोड़ पर हम अपनी पिछली जिंदगी में चले जाते हैं। हमारी पूर्व की अनुभूति फ्लैश -बैक की तरह हमारी आंखों के सामने आ जाती है। कल की रंगों भरी जिंदगी कब यादों के रूप में काली सफेद छाया की तरह कैद होकर रह जाती है, इसका आभास समय बीत जाने पर ही हो पाता है। बचपन के खेल की यादें, पढ़ाई-लिखाई के समय की बातें या फिर किशोरपन का मस्त मौला जीवन: सब कुछ हमारे सामने किसी फिल्म के फ्लैश-बैक की तरह से हमारी आज की जिंदगी से जुड़ा रहता है और जीवन की पिछली तस्वीरें दिखाता चला जाता है। हम अपनी पिछली जिंदगी की अच्छी तस्वीरें देखकर तो खुश हो उठते हैं, वहीं कुछेक यादें हमें अंदर तक झकझोर भी जाती हैं। ऐसा होने पर मन अंदर से डरता भी है व बीते हुए कल पर अफसोस भी करता है, लेकिन आज इसका कोई इलाज भी नहीं होता है। ऐसी स्थिति में मन तनावग्रस्त व निराशावादी भी हो सकता है। एक फिल्म में बहुत अच्छी बात भी कही गई है कि- जब कभी अपने जीवन में उदास या परेशान हों तब अपनी पिछली जिंदगी के 'हैप्पी सीन याद करें तो झट से ही अपनी जिंदगी में एक नई ताजगी पाएंंगे। सच भी है कि जीवन की अच्छी यादें ही हमारे जीवन को उत्साह से भर देती हैं।
वास्तुशास्त्र की किताबों में भी घर में पूरे परिवार के लोगों का हंसता व मुस्कराता हुआ फोटो लगानेे की बात लिखी है। जिससे परिवार के सदस्यों के बीच एक सौहाद्र्रपूर्ण व खुशनुमा वातावरण देखने को मिलता है। खुशी के माहौल का पारिवारिक फोटो सभी सदस्यों के बीच नकारात्मक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देता है। ऐसे हंसते मुस्कराते चित्र पुरानी अच्छी यादें ताजा करने का काम करते हैं। जिससे निजी संबंधों में आपसी मतभेद व मनमुटाव की संभावना भी कम हो जाती है तथा आपस में मेलजोल भी बढ़ता है।
जीवन के हर पल में अच्छी अनुभूति करना बहुत जरूरी है। यही आगे चलकर हमारा अनुभव बन जाती है। आने वाली जिंदगी में बीते हुए दिनों से सबक लिया जा सकता है तथा जरूरत के समय इन्हीं अच्छी यादों के सहारे से जिंदगी को नई ऊर्जाभक्ति से भरा जा सकता है। बीते दिनों की यादों को भुलाना बहुत मुश्किल भरा काम भी होता है। हम अक्सर इस तरह की यादों को भूलने से भी नहीं भूल पाते हैं और मन हमेशा उसी में अटका सा रह जाता है। एक समय ऐसी अनचाही यादें हमारे जीवन के अमूल्य क्षणों को बर्बाद कर जीवन को नीरस कर देती हैं। इसलिए, आज इस बात की अहम जरूरत है कि हम अपने जीवन को कटु यादों से बचा कर रखें। जिंदगी के हर पारिवारिक रिश्तों के लिए खुशनुमा यादों का होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि हर एक की जिंदगी हर समय खुशहाल व आनंदित रह सके। इसी के साथ हमें अपने आज की बातों व अपने हर एक काम पर भी निगाह करनी बहुत जरूरी है कि जिससे आने वाले कल में कोई भी कटु याद हमारे जीवन का हिस्सा न बन सके।

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