Sunday, October 31, 2010

मोटिवेट करने की क्षमता बेजुबान चीजों में भी


जब हमारा शरीर थकने लागता है, मन अचानक धबरा जाता है कि फलां काम में सफलता मिलेगी या नहीं। तभी, मन को मोटिवेशन की तुरंत आवश्यकता पड़ती है। यही मोटिवेटिंग प्वाइंट ही हमें पीछे से हमारे लक्ष्य की ओर तेजी से ठकेलता है।
सफलता के पथ पर मंजिल को पाने की तीव्र इच्छा कई व्यवसायिक गुरु जगाते हैं तथा जोश भरने का काम करते हैं, जिनकी प्रेरक व उर्जा भरी बातों से लक्ष्य तक पहुंचने की लालसा बढ़ती जाती है। लेकिन, इसी बीच कुछ प्रेरणास्रोत व्यक्तियों के अलावा कई बेजुबान चाजें भी हमें मंजिल की ओर मोटिवेट कर देती हैं। इनमें एक अजीब से आकर्षण के साथ एक जबरदस्त तेजी भी देखी जाती है। और इस तरह से अपनी मन चाही चीज हासिल करने में इनका योगदान भी कुछ कम नहीं होता है।
जैसे हमारा शरीर मजबूत, हष्टपुष्ट व ताकतवर बनता है उचित खानपान से, उसी तरह हमारे इरादों को भी जरुरत होती है उर्जा व लगन की। जिसको विटामिन व प्रोटीन मिलता है समय पर मोटिवेशन मिल जाने से। हम सभी अक्सर दूसरों से प्रेरणा लेते हैं तथा इसके साथ ही खुद को मोटिवेट करने के नये तरीके खोज लेते हैं। सफलता का सफर बोझिल व नीरस न बनने पाये, इसके लिए अपने चारों तरफ से ही किसी एक को अपना मोटिवेटिंग प्वाइंट बनाना सफल होने में मील का पत्थर साबित हो सकता है। क्योंकि अपने लक्ष्य के प्रति लगे रहने की प्रवृत्ति व आदत बहुत आवश्यक है। कोई अपना कॅरियर बनाने के लिए दिन रात पढ़ाई करता है कि एक दिन वह कुछ बन कर दिखायेगा, अच्छी नौकरी मिलेगी, पैसा होगा। यह सब बच्चे के माता पिता व गुरु भी उसे सिखाते हैं। लेकिन सही मायनों में उसकी इच्छा तब परवान चढ़ती है, जब वह अपने आस पास के किसी व्यक्ति को इस तरह से किसी मुकाम तक पहुंचते हुए देखता है। यहां से उसको सही मोटिवेशन मिलता है। इसके इरादों में अब और मजबूती व तेजी देखी जाती है। कोई सरकारी नौकरी या प्रशासनिक सेवा के लिए किसी को अपना मोटिवेशन बना लेता है, तो कोई व्यापार में मोटिवेशन के लिए टॉप बिजनेस मैन को अपना प्रेरक स्वरुप बनाता है। कोई स्पोटर््स में अपना कॅरियर बनाना चाहता है तो शिखर को छूने वाले खिलाड़ियों को देखकर मोटिवेट हो जाता है।
शरीर का विकास विटामिन व प्रोटीन से होता है, कॅरियर में आगे बढ़ने तथा अपनी इच्छाओं को जाग्रत रखने तथा इन्हें और बल देनें के लिए अपने मोटिवेशन की तलाश नितांत आवश्यक है। जिसके सहारे हम अपनी मंजिल तक हंसते मुस्कराते पहुंच सकते हैं। किसी विद्यार्थी का अलग मोटिवेटिंग प्वाइंट हो सकता है, तो किसी व्यापारी अलग तरीके से अपनी उर्जा ढूंढ लेता है। एक सफल व्यक्ति जाने अनजाने आसानी से किसी का मोेटिवेटर हो जाता है। इनके अन्दर असीम प्रेरक क्षमता व अनुभव का आकर्षण पाया जाता है। जिसके तहत एक सफल व उपलब्धिवान व्यक्ति को लोग अपना रोल-मॉडल बना लेते हैं, व उनके नक्शे कदम पर चलने से अपने आप को सुरक्षित भी महसूस करते हैं तथा अपनी मंजिल तक जा पहुंचते हैं। लेकिन इसी बीच कुछ बेजुबान चीजें भी बहुतों को अपने अनोखे तरीके से लुभाती हैं तथा आगे बढ़ने के लिए अनवरत प्ररित करती रहती हैं। मसलन, सड़कों पर फर्राटा मारती हुई चमचमाती हुई गाड़ियां भी किसी का मोटिवेशन हो सकती है। ये बेजुबान होते हुए भी लोगों को मोटिवेट करती हैं, और लोग भी इसको अपना टारगेट बना लेते हैं। लोग अटूट मेहनत करते हैं, अपना बजट बनाते हैं कि एक साल में या फिर दो साल के अंदर वह इसी तरह की कार खरीद ही लेंगे। किसी व्यक्ति का सपना अगर खुद का मकान बनाना है, तो वह दूसरों के मकान व बंगलों को देखकर मोटिवेट होता रहता है। दूसरों के मकान उसे हार्ड वर्किंग बनाते हैं। वह रोज वही मकान देखते हुए अपनी दुकान या काम पर जाता है, और सोचता है कि एक दिन उसका भी मकान ऐसा ही होगा। बड़ी दुकान या भव्य शो-रुम देखकर एक छोटा दुकानदार आर्कषित हो सकता है और भविष्य में किसी बड़े शापिंग काम्पलेक्स बनाने के लिए द्रढ़ संकल्पित भी हो सकता है। किसी भी प्रकार का मोटिवेशन किसी भी बड़े टारगेट की दुख और तकलीफों को कम कर देता है और मंजिल के प्रति चमत्कारिक आकर्षण पैदा कर देता है।
समाज में प्रेरणा, उर्जा व मोटिवेशन जहां लोगों से मिलता है, वहीं बिन बोलती चीजों से भी। यह भी हमारे मिशन को प्रेरणा देनें का काम करती हैं। जरुरत है तो बस इन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें में उचित इस्तेमाल करने की। निरंतर आगे बढ़ने व मनवांछित सफलता अर्जित करने के लिए अपनी इच्छा शक्ति को और प्रबल बनाने की हरदम दरकार है। खेल का मैदान हो या राजनीति का, मनोरंजन का क्षेत्र हो या व्यवसायिक, कामयाब होने के लिए अपने-अपने तरीकों से स्वयं को मोटिवेट करने का रास्ता निकालने से हर मंजिल आसान हो जाती है।

1 comment:

  1. बहुत सुंदर, प्रेरणादायक आलेख. आभार.
    सादर
    डोरोथी.

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