Friday, January 15, 2010

आज की बचत से ही होगा सबका फायदा



छोटी-छोटी बचत या धन निवेश ही हमारे परिवार के भविशय में आने वाले तमाम खर्चे जैसे लड़कियों के शादी-ब्याह, घर, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई या काम-धंधों में लगने वाली एक साथ पूंजी का एक मुफ्त समाधान कर देती है। आज की थोड़ी समझदारी व हामारा निवेश प्रबंधन ही आने वाली वृद्धावस्था में पैसे का सहारा व आराम का पूरा इंतजाम कर देती हैै।

पैसा सब कुछ नहीं रहा, परंतु पैसों की सबको हमेशा जरूरत रही। आज पैसे का ही हर तरफ बोलबाला है। क्योंकि पैसे के बगैर भी कुछ नहीं। आज जिंदगी व परिवार चलाने के लिए पैसे का ही अहम किरदार देखा जाता है। कोई पैसे का प्रयोग धर व परिवार के गुजारे के लिए करता है, तो कोई अपने ऐश और आराम के लिए। पैसे की ख्वाहिश सभी को होती है इसीलिए पैसा कमानें के लिए दिन-रात एक कर देते हैं। आज के समय में पैसा कमाना जितना मुश्किल है, उससे कहीं अधिक कठिन दिखता है पैसे को अपने भविष्य के लिए बचा कर रखना। क्योंकि अनाप-शनाप खर्च और बढ़ती महंगाई के अनुपात में कमाई के स्रोतों में कमी होती जा रही है। इसीलिए हमारी आज की एक आनुपातिक बचत ही कल हमारे बच्चों व परिवार को सुखी व समृद्ध रख सकने में अपना अहम किरदार निभायेगी। कहा जाता है कि खर्च करने की कोई आखिरी तादात नहीं होती, बस सिर्फ पैसा पास होना चाहिए। फिर भी अधिक से अधिक पैसा भी खर्चों के आगे कम ही हो जाता है, जबकि खर्चों की लिस्ट बढ़ती जाती है। ऐसे में बचत बहुत जरूरी है। फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा भी होता है कि हम मासिक खर्च की सूची बनाते समय ही अपने मासिक निवेश को तय करके उसको भी जरूरी खर्चों में रखें। अमूमन लोगों की यह प्लानिंग होती है कि सभी खर्चों के बाद ही वो किसी भी तरह के निवेश के बारे में सोचना शुरू करते हैं। इस प्रकार धन संचय का नंबर सबसे आखिर में आ पाता है। कहीं कहीं पर खर्चे पूरे नहीं हो पाते और बचत भी नहीं होती। हमारी आज की छोटी-छोटी बचत या धन निवेश ही हमारे परिवार के भविष्य में आने वाले तमाम खर्चे जैसे लड़कियों के शादी-ब्याह, घर, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई या काम-धंधों में लगने वाली एक साथ पूंजी का एक मुफ्त समाधान कर देती है। आज की थोड़ी समझदारी व हमारा निवेश प्रबंधन ही आने वाली वृद्धावस्था में पैसे का सहारा व आराम का पूरा इंतजाम कर देती हैै। जहां तक आज की महंगाई में घर खर्च चलाना मुश्किल दिखाई पड़ता है, वहीं पर आने वाले दस बीस सालों में महंगाई की दर कहां तक पहुंच जायेगी। इस हिसाब से उस उम्र में पैसे का हिसाब-किताब व इंतजाम अभी से कर लेना सही निवेश साबित होगा। क्योंकि बुढ़ापे या ढलती उम्र में पैसा कमाना आसान नहीं होता है। किसी भी परिवार की सम्पन्नता भविष्य के लिए धन संचय में ही निहित होती है। आने वाला भविष्य हमारे जीवन का अहम हिस्सा होता है, जिस तरह से एक परिवार की सुख व समृद्धि आने वाले कल के लिए पैसे जोडऩे जैसी धन संचयन स्कीमों में निवेश करने से होती है। उसी प्रकार देश की आर्थिक प्रगति व अर्थव्यवस्था की रफ्तार भी कई तरह की स्कीमों में निवेश करने से ही होती है। देश में कई तरह की सरकारी व गैर सरकारी स्कीमों के तहत पैसा निवेश किया जा सकता है। जिसके अंतर्गत निवेशक को अपने जमा हुए पैसे के साथ अच्छा बोनस व जीवन संरक्षण या बीमा जैसी सुविधाएं भी सहज हो जाती है। इन सब स्कीमों से इकट्ठा हुआ धन देश के आर्थिक ढांचे को मजबूत करता है तथा यही पैसा सरकार की ओर से जनोपयोगी कार्यक्रमों या जनहितकारी क्रियाकलापों में लगाया जाता है। इसी धन से कई प्रकार की फैक्ट्रियों या कारखानों को लगाकर रोजगार का भी सृजन किया जाता है। किसी एक कम्पनी या कारपोरेट सेक्टर में धन के निवेश का अर्थ उसके व्यापार या उत्पादन बढऩे से होता है। इससे देश के उद्योगों को सीधे तौर पर बढ़ावा मिलता है तथा देश की आर्थिक प्रगति के साथ समाज में कई तरह के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष लाभ देखे जाते हैं। कुल मिलाकर कम्पनी के साथ-साथ निवेशक दोनों फायदे में व लाभान्वित होते है तथा रोजगार भी सुलभ हो जाते हैं। इसी के तहत देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी नें लोगों से निवेश बढ़ाने की अपील करी ताकि भारतीय औद्योगिक ढांचे तथा अर्थव्यवस्था को बढ़त मिल सके। सही भी है क्योंकि अक्सर देखा गया है कि विभिन्न कम्पनियों में लगाया गया पैसा ही देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ विकास की गति को बढ़ाता है। बाजार कम्पनियों में पैसा जमा न करने या बाजार से पैसा खाली कर लेने से मंदी का असर देखा जाने लगता है। ऐसी स्थिति में बाजार का पैसा घरों की तिजोरियों में रखने में लोग ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। लगभग ज्यादातर निवेशकों की जब यही सोच होले लगती है तब उद्योगों के साथ अर्थव्यवस्था दोनों की हालत खराब होने लगती है। ऐसा ही एक उदाहरण अभी २००८ में देखा गया। इस साल शुरू हुई मंदी की मार से लोगों नें मार्केट से पैसा खाली कर लिया। हालत यह हो गई कि बाजार लगभग पूरी तरह से ध्वस्त सा हो गया। पूरे देश में रोजगार का भी संकट छाने लगा। इसका सीधा असर महंगाई पर भी पड़ा। पूरी अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका लगा। कितने मुश्किल हालातों का सामना सबने किया और किसी तरह इन सब पर काबू पाया गया। आज की बचत अपने परिवार तथा देश दोनों के भविष्य को सुरक्षित व संरक्षित रखता है। किसी जरूरत या आकस्मिक समस्या के आ जाने पर यही बचाया गया पैसा ही हमारे तथा देश हित के काम आता है। अपनी रुचि व आवश्यकतानुसार निवेश के बेहतर विकल्प को चुना जा सकता है। सरकारी व गैर सरकारी बैंकों, डाकघरों से, सरकारी या निजी बीमा कम्पनियों या सीधे तौर पर बाजार में निवेश करके हम अपना भविष्य संवार सकते हैं।

3 comments:

  1. बडे सधे और कुशल अंदाज में बयां कर गये जनाब!!!
    भाई वाह

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  2. Thnx...it helped me to complete my project :-)

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