Saturday, September 5, 2009

अनमोल जीवन का समझें मोल


वेद-पुराण भी कहते हैं कि 36 करोड़ योनियों के बाद हमें मनुष्य का जीवन मिलता है। दुनिया में कितने ही छोटे-छोटे जीव जंतु, पशु-पक्षी सभी सांस लेते हैं। हमारे चारों ओर अनेक प्रकार का जीवन देखने को मिलता है। ईश्वर की बसाई गई इस दुनिया में कई तरह के प्राणियों का वास है। अगर हम बारीकी से इन सबका विश्लेषण व आकलन करें तो हम पाएंगे क्यों मानव जीवन को ही अनमोल व सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। अगर हम प्रकृति को देखें तो हमें सुंदर-सुंदर हरियाली दिखाई पड़ती है।

ईश्वर की विश्वव्यापी संरचना में सबसे सशक्त जीवन केवल मनुष्य को ही मिला है। वैसे तो जीवन सभी के पास है जीव-जंतु, पशु-पक्षी सभी श्वास लेते हैं। मनुष्य भी श्वास लेता है। परन्तु मनुष्य के पास अपनी बात व्यक्त करने के लिए सबसे मजबूत माध्यम है, उसकी बोलचाल की भाषा। वह बातचीत कर अपने विचार व्यक्त कर सकता है। यह विशेष योग्यता व क्षमता किसी दूसरे जीव-जंतु या पेड़-पौधे के पास नहीं है। इन सबसे अलग मनुष्य को एक और चीज बड़ी अद्भुत मिली और वह है विचारशील मस्तिष्क। मनुष्य किसी भी चीज को महसूस व समझने के अतिरिक्त सोच व विचार भी कर सकता है। उसका चिंतन सबसे महत्वपूर्ण है, जो मनुष्य को अन्य किसी भी जीवन से बहुत भिन्न व अद्वितीय कर देता है।
वेद-पुराण भी कहते हैं कि 36 करोड़ योनियों के बाद हमें मनुष्य का जीवन मिलता है। दुनिया में कितने ही छोटे-छोटे जीव जंतु, पशु-पक्षी सभी सांस लेते हैं। हमारे चारों ओर अनेक प्रकार का जीवन देखने को मिलता है। ईश्वर की बसाई गई इस दुनिया में कई तरह के प्राणियों का वास है। अगर हम बारीकी से इन सबका विश्लेषण व आकलन करें तो हम पाएंगे क्यों मानव जीवन को ही अनमोल व सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। अगर हम प्रकृति को देखे तो हमें सुंदर-सुंदर हरियाली दिखाई पड़ती है, बड़े-बड़े पेड़ दिखाई देते हैं जो तेज हवा के झोंकों के साथ झूमते हुए हमसे अपनी भाषा में कुछ कहते नजर आते हैं। खुशबूदार बेल व फूलदार पौधे भी रंग-बिरंगे फूलों व अपनी महक से हम सबको अपनी ओर आकर्षित कर मन मोह लेते हैं। इसी से ही ये अपनी प्रकृति व स्वभाव को अभिव्यक्त करते हैं। उनमें अलग तरह का जीवन दिखाई पड़ता है। उनकी भाषा केवल उनकी खुशबू है। वे अपनी महक से ही हमसे बातचीत करते हैं। हम भी अपने घर-आंगन में फूलदार पौधों को लगाते हैं। खुशबूदार बेल रोपते हैं। फूल खिलने पर उनकी सुगंध चारों ओर फैलती है तो मन बहुत प्रसन्न हो उठता है तथा एक अलग तरह की शांति की अनुभूति होती है। ये सब फूल खूबसूरत दिखने के साथ अपनी मौन भाषा के साथ प्रेम व शांति का संदेश देते हैं क्योंकि फूल को प्रेम व शांति का प्रतीक भी कहा गया है।
पेड़-पौधे व फूलों में महसूस करने की अद्भुत क्षमता होती है। लगभग हमारी ही तरह, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति का तरीका बहुत अलग है। जो जल्दी हर एक की समझ में नहीं आ सकता है। बिल्कुल उसी तरह जैसे कि किसी व्यक्ति को फूल व उसकी सुगंध का कोई असर नही पड़ता, जबकि दूसरा आदमी रंग-बिरंगे फूलों को देखकर व महक से अभिभूत होकर अपने को रोक नहीं पाता और पौधे के पास जाकर बैठ जाता है। पशु-पक्षी अपनी सांकेतिक भाषा से आपस में बातचीत कर लेते हैं, हमारे लिए यह केवल आवाज है लेकिन यह इनकी अपनी भाषा है। एक पक्षी या कोई चिडिय़ा अपनी आवाज से सैकड़ों चिडिय़ा अपने पास बुला लेती है, गाय या कोई जानवर अपने बच्चे को अपनी आवाज से अपने पास बुला लेती है। उनकी हर आवाज कुछ न कुछ कहती है। सभी पशु-पक्षियों की अपनी अलग आवाज है। ये आपस में बात करने के लिए इसी भाषा का प्रयोग करते हैं। यह बिल्कुल ऐसा ही है कि जैसे हम किसी ऐसी जगह जाते हैं, जहां की भाषा व बोली से हम अंजान है। वहां पर न हम बोल पाते हैं और न ही वहां की भाषा को समझ ही पाते हैं, लेकिन वहां के लोग अपनी भाषा में बातचीत करते हैं। हमें उनकी बातें समझ में नहीं आती केवल आवाज ही सुनाई पड़ती है। पशु-पक्षियों में महसूस करने की भी क्षमता होती है, वह हमारी तरह बीमार भी पड़ते हैं तथा इनको भी हमारी तरह दवा व मरहम की जरूरत पड़ती है। मनुष्य को मिली इस बड़ी सौगात की सबसे बड़ी बात यह है कि उसकी सोच व विचारशील दिमाग दोनों एक दूसरे को बढ़ाने का भी काम करता है।
अगर किसी व्यक्ति की सोच अच्छी, बड़ी व सकारात्मक हुई तो उसका दिमाग भी इसी तरह से बढ़ता जाता है फिर उसकी बु़िद्ध उसका और विस्तार कर देती है, धीरे-धीरे यह एक प्रक्रिया की तरह काम करने लगती है। मनुष्य इस मिले दुर्लभ जीवन के अवसर का लाभ उठा सकता है क्योंकि उसके पास समझने की शक्ति व समझदारी भी है, जो अन्य किसी भी जीवन को नहीं मिली। इसको अपना कर वह अपना जीवन महत्वपूर्ण बना सकता है क्योंकि व्यक्ति अपनी अनुभूति व अभिव्यक्ति से बहुत बलवान है। वैसे तो जीवन में बहुत झंझट हैं, लेकिन यह भी शाश्वत सच है कि यह मानव जीवन भी करोड़ों साल व असंख्य जीवन के झंझटों के बाद मिला है। हमारा जीवन दूसरे किसी भी जीवन से बहुत अलग व महान है क्योंकि हमारे पास दृष्टि, जीभ, विवेक, सोच, समझ व सहनशीलता सब कुछ है। अब सब कुछ हम पर निर्भर है कि हम ईश्वर के इस उपहार स्वरूप जीवन को कितना संभाल पाते हैं तथा अपनी बुद्धि, समझ व सहनशीलता को अपने जीवन में कितना उतार पाते हैं, जिससे कि हमारा यह अमूल्य जीवन तथा इस जीवन की कोई भी घड़ी व्यर्थ व निरर्थक न होने पाये। मानव जीवन देखा जाए तो कठिन भी है क्योंकि अपने इस जीवन में अपने साथ पारिवारिक जिम्मेदारी भी निभानी होती है, साथ ही कहीं से आपसी सामंजस्य भी न टूटने पाये यह भी देखना होता है। पशु-पक्षी व जीव-जंतु दूसरों की भावनाओं को नहीं समझ सकते, हमारे अंदर वह शक्ति है कि हम समझ सकते हैं तथा दूसरों की भावनाएं भी न आहत हो, यह भी ध्यान रखना पड़ता है। जिंदगी की तमाम जिम्मेदारियां कभी-कभी मुिश्कलें व झंझावात भी पैदा कर देते हैं। यह हमारे लिए बोझ नहीं बल्कि हमारा परीक्षण करती हैं और यथार्थ यही है कि जो इन सबको हंसते-मुस्कराते पार कर जाता है, वह अपने जीवन में सफल हो जाता है और उसका जीवन सार्थक हो जाता है। आज जितने भी लोग महान हुए, उनका जीवन भी बिल्कुल आसान नहीं रहा या उनके पास कोई झंझट या समस्या नहीं रही। भारत ऋ षियों व मुनियों का देश कहा जाता है। इन सभी ने मानव जीवन की श्रेष्ठता को जाना तथा इसके मूल्य को अच्छी तरह समझ कर अपने जीवन को सफल किया। इस धरती पर जन्मे कितने ही लोगों ने इस सबक को सीखा, वे जिंदगी की मुश्किलों से तनिक भी नहीं डरे बल्कि उन्होंने इन सबका सामना किया तथा अपने इस महत्वपूर्ण जन्म को कभी विफल नहीं होने दिया और अपने महानतम कार्यों से इस जीवन को और मूल्यवान कर दिया।

1 comment:

  1. सुन्दर अद्वितीय प्रेरणादाई लेख

    ReplyDelete