Thursday, June 3, 2010

सर्वशक्तिमान है...क्योंकि यह समय है



समय का चक्र पूरा होने पर ही किसी बच्चे का जन्म होता है, फिर किसी का वक्त आ जाने पर ही उसकी मृत्यु भी निश्चित ही होती है। समय के पास सबकुछ निश्चित है। समय की अलग सत्ता है, जिसपर किसी की विजय नहीं होती। समय को जीता नहीं जा सकता, केवल समय के साथ जिया जा सकता है।

क्त, यानि की समय। कल और आज के बीच वक्त। दिन और रात के बीच भी यही वक्त। यह समय ही है जो भूत और भविष्य के बीच में बना रहता है। हर वक्त बदलता रहता है यह समय। वक्त पूरी तरह से चलायमान है। यह किसी के वश में नहीं, और इस पर किसी का अंकुश भी नहीं। सभी पर राज करता है यह समय। कल जो था, वह आज नहीं। आज जो है, वह कल नहीं होगा। एकबार समय जाकर वापिस भी नहीं लौट पाता। हर एक तारीख इतिहास बनती जाती है और हर एक घटनाक्रम यादों के पन्नों में दर्ज होता जाता है। समय के इस भागते पहिए को रोकना भी किसी के बस की बात नहीं। छोटे से छोटा व बड़े से बड़ा व्यक्ति भी समय के आगे बौना दिखाई देता है। इसी समय के चक्र ने राजा, मंत्री व बड़े रसूखवालों के अहं को भी अपने पैरों पर ला दिया। यह वही समय है जिसने किसी को सड़क से महल तक पहुंचा दिया तो किसी का सिंहासन छीनकर देश निकाला दे दिया। इसलिए समय को समझना भी बहुत जरूरी है। समय जितना बलवान है, दूसरा कोई नहीं। अपने जमाने का सबसे ताकतवर इंसान भी समय के चलते एक समय बूढ़ा व असहाय हो जाता है। किसी वक्त का बलिष्ठ आदमी भी एक समय कमजोर व बेजान हो जाता है। दुनिया का सबसे खूबसूरत इंसान, जिसकी सुंदरता का कोई भी सानी नहीं होता। जिसकी अद्वितीय खूबसूरती की कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं होती। समय के फेर के साथ यह भी ऐसी नहीं रहती व दिखती है। समय का असर इस पर भी दिखाई देता है। सुंदरता भी समय के साथ ढलती जाती है। यही समय सुंदर त्वचा व आकर्षक काया को झुर्रीदार व बेजान कर देता है। एक समय पर अपनी किस्मत पर इतराने व फूले न समाने वाले की भी तकदीर इसी समय के चलते ही ऐसी करवट लेती है कि एक ही झटके में सबकुछ बदल जाता है। सबकुछ अपने एक इशारे पर नचाने वाला भी वक्त के किसी झंझावात में फंसकर चकरघिन्नी बनकर खुद नाचने पर मजबूर हो जाता है। समय अपना खिलंदड़ खेल हर वक्त व हर किसी के साथ हमेशा खेला करता है। कोई व्यक्ति समय के बहुत आगे निकल जाना चाहता है, तब स्थिति यह भी हो जाती है कि उसे कभी-कभी समय के काफी पीछे भी देखा जाता है। जीवन में भविष्य की योजनाएं बनाना व उसके अनुरूप सफलता पाने के लिए तो सभी सदैव प्रयासरत रहते हैं, परंतु सच यह है कि जब तक किसी काम होने का समय नहीं आ जाता, तब तक वह काम नहीं हो पाता। हकीकत भी यही है कि जब-जब जो भी होना है, वह तब ही होता है। किसी के भी जीवन में जिंदगी का हर दृश्य भविष्य के समय में छिपा होता है। समय-समय पर हर किसी की जिंदगी परत-दर-परत के रूप में सामने आती जाती है। और इसी समय से ही जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव भी सामने देखे जाते हैं। समय की ताकत को समझना बेहद जरूरी है क्योंकि वक्त की बादशाहत के आगे किसी और की तनिक भी नहीं चल पाती। समय के पास ही सबकुछ बदल देने की प्रबल क्षमता होती है। उम्र का बदलाव भी समय के पास है, मौसम भी समय के पहिए के साथ बदल जाता है। आज अगर किसी के पास परेशानी है तथा वह झंझटों से सामना कर रहा है, तो वक्त के बदलते ही उसकी परिस्थितियों में भी बदलाव देखा जाना संभव है। एक पल का गम कब दूसरे क्षण खुशी के ठहाकों में बदल जाय, किसी को पता नहीं। राम को भी जब राजसिंहासन मिलने वाला था तब समय के चक्कर में ही राज-पाठ छोड़कर चौदह सालों तक जंगलों में भटकना पड़ा। जब इसी समय नें फिर करवट बदली तो एकबार फिर उन्हें राजगद्दी वापिस मिली। समय भटकाता भी है। जब तक किसी भी चीज का समय पूरा नहीं हो जाता, वह नहीं होती। समय का चक्र पूरा होने पर ही किसी बच्चे का जन्म होता है, फिर किसी का वक्त आ जाने पर ही उसकी मृत्यु भी निश्चित ही होती है। समय के पास सबकुछ निश्चित है। समय की अलग सत्ता है, जिसपर किसी की विजय नहीं होती। समय को जीता नहीं जा सकता, केवल समय के साथ जिया जा सकता है। वक्त को जिसके साथ जो कुछ करना होता है, वह करता है। समय के साथ किसी का बड़बोलापन भी नहीं चल पाता। किसी पल भी वक्त किसी का अभिमान चकनाचूर कर सकता है, उसे सफलता के आसमान से जमीन की गर्त में मिला सकता है। एकपल में राजा को रंक व गरीब व्यक्ति को भी पैसे में खेलते देखा जा सकता है। इसलिए समय को नजरअंदाज करना किसी के हित में नहीं है। वक्त की परवाह करना बेहद आवश्यक है क्योंकि समय किसी के लिए भी नहीं रुकता और न ही किसी के साथ स्थायी तौर पर ठहर सकता है। जाने-अनजाने समय की अवहेलना व उपेक्षा करना ठीक नहीं। क्योंकि कोई रहे या न रहे, कुछ रहे न रहे लेकिन हर वक्त रहता है।

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